जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ि, से रिवायत है, उन्होंने फ़रमाया कि हम अपनी क़ुरबानी का गोश्त मिना में तीन दिन से ज़्यादा न खाते थे, लेकिन नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म ने हमें इजाज़त देते हुये फ़रमाया कि खाओ और जादे राह के तौर पर साथ भी ले जावो। चुनांचे हमने खाया और साथ भी लाये।
फायदे : मुस्लिम की रिवायत में है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म ने तीन दिन से ज़्यादा क़ुरबानी का गोश्त रखने से मना फ़रमाया था, चुनांचे यह हुक्म मज़्कूरा हदीस से मनसूख़ हुआ और क़ुरबानी का गोश्त जादे राह के तौर देर तक रहने कि इजाज़त मुरहहमत हुई।
(औनुलबारी, 2/639)