जाबिर रज़ि. से रिवायत है कि, उन्होंने ने फ़रमाया कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्ल्म जब ईद का दिन होता तो रास्ता बदला करते, यानि एक रस्ते से जाते तो वापसी के वक़्त दूसरा रास्ता इख़्तियार फरमाते थे।
फायदा : रास्ता बदलने में शरई मसला यह है कि हर तरफ सलाम की शान का इज़हार हो नीज जहां जहां कदम पड़ेंगे, दिन निशान गवाही देंगे।
(औनुलबारी, 2/87)
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अल्लाह तआला रब्बुल अज़ीम हम सब मुसलमान भाइयों को कहने, सुनने और सिर्फ पढ़ने से ज्यादा अमल करने की तौफीक अता फ़रमाये और हमारे रसूल नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई हुई सुन्नतों और उनके बताये हुए रास्ते पर हम सबको चलने की तौफीक अता फ़रमाये (आमीन)।
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