Tijarat Me Qasam Ki Kasrat Se Parhez Kiya Karo
तिजारत में क़सम की कसरत से परहेज़ किया करो
मफ़हूम-ए-हदीस: अबू हुरैरह (रज़ि”अल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की
रसूल’अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया
“तिजारत में क़सम की कसरत से परहेज़ किया करो,
की ये अगरचे माल को तो बिकवा देती है।
मगर बरक़त को ख़त्म कर देती है”
(सहीह बुखारी, भाग,3, 2087)
अल्लाह का ज़िक्र करने और न करने वाले की मिसाल
मफ़हूम-ए-हदीस: रसूल-ए-करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) फरमाते हैं
जो शख्स अल्लाह तआला का ज़िक्र करता है
और जो अल्लाह तआला का ज़िक्र नहीं करता उन की मिसाल ऐसी है जैसे
“एक ज़िंदा और एक मुर्दा”
(अल-बुखारी मुस्लिम बुक-16, हदीस 1434)
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अल्लाह तआला रब्बुल अज़ीम हम सब मुसलमान भाइयों को कहने, सुनने और सिर्फ पढ़ने से ज्यादा अमल करने की तौफीक अता फ़रमाये और हमारे रसूल नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई हुई सुन्नतों और उनके बताये हुए रास्ते पर हम सबको चलने की तौफीक अता फ़रमाये (आमीन)।
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