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Aurat (Biwi) Ka Khayal Aane Se Ehtelam Ke Baare Me Kya Hukm Hai (For Men)
औरत (बीवी) का ख्याल आने से एहतेलाम के बारे में क्या हुक्म है (मर्दों के लिए)
एक शख्स को बैठे हुए किसी लड़की का ख्याल आया, या उसने औरत को देखा, {Tasweer Dekhi (biwi Ki), Etc}
अगर इस ख्याल से शावत पैदा हुई
और उज़्वा में सख्ती {Tightness} पैदा हुई और उसके बाद मनि निकल गयी तू ग़ुस्ल करना अब वाजिब होगा।
{लेकिन अब निकलने वाली चीज़ मनि है या माज़ी है या वाद है इसको पहचानने की कुछ अलामत है
क्यों की मनि से ग़ुस्ल वाजिब और जरुरी होता है माज़ी और वाद से नहीं इसकी पहचान करने का क्या तरीक़ा है
(बहवला मसाइल-ए-ग़ुस्ल)
मनि, माज़ी, और वाद में क्या फ़र्क़ है और इसको कैसे पहचानते है
मनि-वो गाढ़ा और चिकना पानी जो हम-बिस्तरी या सेहवत से निकलता है, और इसके निकलने के बाद जोश ख़तम हो जाता है. {ग़ुस्ल वाजिब होता है}
माज़ी -वो पतला और चिकना पानी जो सेहवानी ख़यालात या मिया बीवी के बोसा किनार {Kissing} के वक़्त निकलता है,
इसके निकलने से जोश और खाविश ख़तम नहीं होती है, {बल्कि जोश और खाविश और बढ़ जाती है}. (ग़ुस्ल वाजिब नहीं होता है)
वाद – वो चिकना पानी जो पेशाब के बाद या बीवी से सोहबत के बाद कभी कभी निकलता है. (ग़ुस्ल वाजिब नहीं होता है)
नोट- मनि के निकलने से ग़ुस्ल वाजिब हो जात है, माज़ी और वाद के निकलने से ग़ुस्ल वाजिब नहीं होता है लेकिन वज़ू टूट जाता है.
(शामी-मसाइल-ए-ग़ुस्ल)
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