Al-Ala Ka Tarjuma
अल आला का तर्जुमा
क़ुरआन का तर्जुमा पोस्ट नम्बर -43
❨अल आला❩ पारा नम्बर-30
इस सूरह में 19 आयत हैं, और ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई हैं!.
16 से 19 आयत इस पोस्ट में हैं
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
16- (मगर ऐ इनकार करने वालो! तुम आख़िरत का सामान नहीं करते) बल्कि तुम दुनियावी ज़िन्दगी को मुक़द्दम रखते हो,
17- हालांकि आख़िरत (दुनिया से) कहीं बेहतर और पायदार है,
18- (और ये मज़मून सिर्फ़ क़ुरआन ही का दावा नहीं बल्कि) ये मज़मून पहले सहिफों में भी है,
19- यानी इब्राहीम और मूसा के सहीफों में, (पस इससे और भी ज़्यादा ताकीद हो गई),
(तफ़सीर इब्ने ए कसीर जिल्द 6.(सिर्फ तर्जुमा लिखा जा रहा)
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अल्लाह तआला रब्बुल अज़ीम हम सब मुसलमान भाइयों को कहने, सुनने और सिर्फ पढ़ने से ज्यादा अमल करने की तौफीक अता फ़रमाये और हमारे रसूल नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई हुई सुन्नतों और उनके बताये हुए रास्ते पर हम सबको चलने की तौफीक अता फ़रमाये (आमीन)।
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आमीन
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